Friday, 9 June 2023

Motivation - गहराई से सोचो !

 गहराई से सोचो !

आपकी ज़िंदगी का कोच कौन है ?? 


अनीता_अल्वारेज, 

अमेरिका की एक पेशेवर तैराक हैं जो वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान परफॉर्म करने के लिए स्विमिंग पूल में जैसे ही छलांग लगाई , वो छलांग लगाते ही पानी के अंदर बेहोश हो गई , 


जहाँ पूरी भीड़ सिर्फ़ जीत और हार के बारे में सोच रही थी वहीं उसकी कोच एंड्रिया ने जब देखा कि अनीता एक नियत समय से ज़्यादा देर तक पानी के अंदर है , 


एंड्रिया पल भर के लिए सब कुछ भूल गई कि वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतियोगिता चल रही है , एक पल भी व्यर्थ ना करते हुए एंड्रिया चलती प्रतियोगिता के बीच में ही स्विमिंग पूल में छलांग लगा दी , 


वहाँ मौजूद हज़ारों लोग कुछ समझ पाते तब तक एंड्रिया पानी के अंदर अनीता के पास थी , 

एंड्रिया ने देखा कि अनीता स्विमिंग पूल में पानी के अंदर बेहोश पड़ी है , 


ऐसी हालत में ना हाथ पैर चला सकती ना मदद माँग सकती , 


एंड्रिया ने अनीता को जैसे बाहर निकाला मौजूद हज़ारों लोग सन्न रह गए , एंड्रिया ने अनीता को तो बचा लिया , 


लेकिन हम सबकी ज़िंदगी में बहुत बड़ा सवाल छोड़ गई ! 


इस दुनियाँ में ना जाने कितने लोग हम सबकी ज़िंदगी से जुड़े हैं कितनों से रोज़ मिलते भी होंगे , 


जो इंसान हर किसी से अपने मन की बात नहीं कह पाता कि असल ज़िंदगी में वह भी कहीं डूब रहा है , वह भी किसी तकलीफ़ से गुज़र रहा है , वह भी किसी बात को लेक़र ज़िंदगी से परेशान हो रहा है , लेकिन बता नहीं पा रहा है


जब इंसान किसी को अपने मन की व्यथा , अपनी परेशानी नहीं बता पाता तो मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि वह ख़ुद को पूरी दुनियाँ से अलग़ कर लेता है ,  सबकी नज़रों से दूर एकांत में ख़ुद को चारदीवारी में क़ैद कर लेता है , 


ये वक़्त ऐसा होता है कि तब इंसान डूब रहा होता है , उसका मोह ख़त्म हो चुका होता है , ना किसी से बात चीत  ना किसी से मिलना जुलना , 


ये स्थिति इंसान के लिए सबसे ख़तरनाक होती है , 


जब इंसान अपने डूबने के दौर से गुज़र रहा होता है , तब बाक़ी सब दर्शकों की  भाँति अपनी ज़िंदगी में व्यस्त होते हैं किसी को ख़्याल ना होता कि एक इंसान किसी बड़ी परेशानी में है , 


अगर इंसान  कुछ दिन के लिए ग़ायब हो जाए  तो पहले तो लोगों को ख़्याल नहीं आएगा , अगर कुछ को आ भी जाए तो लोग यही सोचेंगे , पहले कितनी बात होती थी अब वो बदल गया है या फिर उसे घमंड हो गया है या अब तो बड़ा आदमी बन गया है इसलिए बात नहीं करता , जब वो बात नहीं करता तो हम कियूँ करें ! 


या फिर ये सोच लेते हैं कि अब दिखाई ना देता तो वो अपनी ज़िंदगी में मस्त है इसलिए नहीं दिखाई देता , 


अनीता पेशेवर तैराक होते हुए डूब सकती है तो कोई भी अपनी ज़िंदगी में बुरे दौर से गुज़र सकता है , ये समझना ज़रूरी है 


लेकिन उन लोगों से हट कर कोई एक इंसान ऐसा भी होगा जो आपकी मनोस्थिति तुरंत भाँप लेगा , उसे बिना कुछ बताये सब पता चल जाएगा , आपकी ज़िंदगी के हर पहलू पर हमेशा नज़र रखेगा , थोड़ा सा भी परेशान हुए वो आपकी परेशानी आकर पूछने लगेगा , 


आपके बेहवियर को पहचान लेगा , आपको हौसला देगा आपको सकारात्मक बनायेगा और एंड्रिया की तरह कोच बन कर आपकी ज़िंदगी को बचा लेगा , 


हम सबको ऐसे कोच की ज़रूरत पड़ती है…


ऐसा  कोच कोई भी हो सकता है , आपका भाई , बहन , माँ , पापा ,

आपका कोई दोस्त , आपका कोई हितैषी , आपका कोई रिश्तेदार , कोई भी , जो बिना बताये आपके भावों को पढ़ ले और तुरंत एक्शन ले।


गहराई से सोचो आपकी ज़िंदगी का कोच कौन है ?? 


साभार.....facebook post

Credit - Original Author

Monday, 27 February 2023

Motivation by -Sonam Kapoor,Actor

 हाँ, मैं सेलिब्रेटीज हूँ!!! ये रही मेरी रोजमर्रा जीवन की कहानी...


टीनएज लड़कियो, अगर सुबह जगकर अपने बेडरूम के शीशे में खुद को जब देखती हो और ये सोचती हो कि आख़िर तुम उन तमाम सेलिब्रिटीज़ की तरह क्यों नहीं दिखती, तो ये जान लो कि कोई भी लड़की बिस्तर छोड़ते ही वैसी नहीं दिखती। मैं तो नहीं दिखती, न ही कोई भी और हीरोइनें जिन्हें तुम फ़िल्मों में देखती हो। (बियॉन्से भी नहीं, मैं कसम खाकर कह रही हूँ।)


अब असली बात जान लो। हर पब्लिक आयोजन में जाने से पहले मैं अपने मेकअप की कुर्सी में बैठकर 90 मिनट का समय देती हूँ। तीन से छः लोग मेरे बाल और मेकअप पर काम करते हैं, जबकि एक आदमी मेरे नाख़ून तराशता रहता है। हर सप्ताह मेरी भवें सँवारी जाती हैं, उनकी थ्रेडिंग और ट्वीज़िंग की जाती है। मेरे शरीर के कई हिस्सों पर 'कन्सीलर' लगा होता है जिसके बारे में मैं कभी सोच नहीं सकती थी कि इन्हें छुपाने की ज़रूरत होती होगी! 


मैं हर रोज सुबह 6 बजे जग जाती हूँ और 7:30 बजे तक जिम में होती हूँ। लगभग 90 मिनट का समय हर सुबह, और कई शाम सोने से पहले भी, व्यायाम के लिए होता है। मैं क्या खाऊँ, क्या नहीं खाऊँ, ये बताने के लिए किसी व्यक्ति को नौकरी पर रखा जाता है। मेरे फ़ेसपैक में मेरे भोजन से ज्यादा चीज़ें होती हैं। मेरे कपड़ों को चुनने के लिए लोगों की एक पूरी टीम है। इतने के बाद भी जब मैं 'फ़्लॉलेस' नहीं दिखती तो फोटोशॉप पर खूब काम किया जाता है। 


मैंने पहले भी कहा है, और फिर से कहूँगी कि किसी मॉडल/सेलिब्रिटी को वैसा दिखाने के लिए कई लोगों की एक पूरी फ़ौज, बहुत ज्यादा पैसा, और काफ़ी समय लगता है। ये न तो वास्तविक है, न ही कोई ऐसी चीज है जिसको पाने की कोशिश करनी चाहिए। 


खुद में विश्वास करो। ऐसा बनने की सोचो जहाँ तुम खूबसूरत, उन्मुक्त और खुश रहो, जहाँ तुम्हें एक खास तरीक़े का बनने की कोई ज़रूरत न हो। 


और हाँ, अगली बार से जब भी किसी तेरह साल की बच्ची को किसी मैगजीन कवर पर चमकती बॉलीवुड सेलिब्रिटी की तस्वीर को ललचायी निगाहों से देखती देखो तो उसी वक्त उसे ये बता कर उसका भ्रम तोड़ दो। उसको बता दो कि वो कितनी ख़ूबसूरत है। उसकी सुंदर मुस्कुराहट की बातें करो, उसकी हँसी, उसकी बुद्धि या उसके आत्मविश्वास की बात करो। 


उसके भीतर ये विचार पनपने मत दो कि उसमें कोई कमी है, या उसमें कुछ ऐसा नहीं है जो पोस्टर, बिलबोर्ड आदि पर लगी तस्वीर में दिखती सेलिब्रिटी में है। उसको अपने लिए ऐसे मानक बनाने से रोको जो उसके लिए ही नहीं, उन तारिकाओं के लिए भी बहुत ऊँचे हैं।


- Sonam Kapoor 


(मूल अंग्रेजी से अनुवाद)

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